Shiv chaisa Options
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो Shiv chaisa फल पाहीं॥
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जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
शिव आरती